Railway Station- भारत के वो रेलवे स्टेशन जो लगते हैं महल, जानिए इनके बारे में
- byJitendra
- 21 Jun, 2025

By Jitendra Jangid- दोस्तो जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारतीय रेलवे विभाग दुनिया का चौथे नंबर का रेलवे विभाग हैं, जिससे प्रतिदिन करोड़ो लोग यात्रा करते है, जो किफायती और सुरक्षित है, पिछले कुछ वर्षों में इसने कई ऐतिहासिक मील के पत्थर देखे हैं, जिनमें से एक मुंबई में प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) का निर्माण है। यह रेलवे स्टेशन न केवल परिवहन का केंद्र है, बल्कि इतिहास और वास्तुकला की चमक का एक जीवंत नमूना है, आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स-

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस ऐतिहासिक स्टेशन का निर्माण 1878 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में 10 साल लगे।
इसे ब्रिटिश वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस ने विक्टोरियन गोथिक शैली में डिजाइन किया था, जिसमें पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का प्रभाव था।
स्टेशन को आधिकारिक तौर पर 20 जून 1887 को जनता के लिए खोला गया था।
मूल रूप से विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था
इस स्टेशन का उद्घाटन 1887 में महारानी विक्टोरिया के शासनकाल के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान किया गया था।
इसका नाम मूल रूप से उनके सम्मान में विक्टोरिया टर्मिनस रखा गया था।

महान योद्धा के सम्मान में नाम बदला गया
1996 में, स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया, जो महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देता है।
आज, इसे आमतौर पर CSMT के नाम से जाना जाता है और यह भारत के सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक है।
वास्तुकला का चमत्कार
टर्मिनस में एक आकर्षक 330-फीट ऊंचा केंद्रीय गुंबद, भव्य मेहराब और विस्तृत पत्थर की नक्काशी है।
वास्तुकला में विक्टोरियन गोथिक पुनरुद्धार शैली को भारतीय पारंपरिक शिल्प कौशल के साथ जोड़ा गया है।
दीवारों और खंभों को जानवरों की आकृतियों, फूलों के पैटर्न और पौराणिक प्रतीकों से सजाया गया है, और रंगीन रंगीन कांच की खिड़कियाँ इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाती हैं।
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